merafarakhdilFeb 131 min readNational Gallery Of Modern ArtRated 5 out of 5 stars.5.0 | 1 Ratingतू ख़ुदा है न मिरा इश्क़ फ़रिश्तों जैसा, दोनों इंसाँ हैं तो क्यूँ इतने हिजाबों में मिलें।- अहमद फ़राज़
तू ख़ुदा है न मिरा इश्क़ फ़रिश्तों जैसा, दोनों इंसाँ हैं तो क्यूँ इतने हिजाबों में मिलें।- अहमद फ़राज़